क्या आपने कभी गौर किया है जिस देश की सिर्फ एक भाषा है उस देश में बहुसंख्य लोग पढ़े लिखे होते है?
जैसे चीन, अमेरिका, इंग्लैंड, पुर्तगाल, जर्मनी, स्पेन।
जैसे चीन, अमेरिका, इंग्लैंड, पुर्तगाल, जर्मनी, स्पेन।
बचपन से हम जो भाषा सुनते है और बोलते है उस मातृभाषा में अगर हम पढ़े लिखे तो हमारी पढ़ाई तेजी से होती है, इसीलिए इन देशों में बच्चे तेजी से पढ़ते है क्युकी इनको पराई भाषा सीखने की जरूरत पड़ती ही नहीं।
भारत देश काफी भाषाओ में बटा हुआ है, जिसकी वजह से भारत के लोग धीरे धीरे अंग्रेज़ी की तरफ बढ़ रहे है। घर में बचपन से हिंदी बोलना, स्कूल में अंग्रेज़ी सीखना, फिर अंग्रेज़ी सीख कर आगे की पढ़ाई अंग्रेज़ी में करना; इस प्रक्रिया में काफी समय बर्बाद हो जाता है, जो बाकी देशों में नहीं होता।
चीनी, रूसी और यूरोपियन को अंग्रेज़ी बिल्कुल नहीं आती और उन्हें उस बात से कोई परेशानी भी नहीं होती क्युकी वो आत्मनिर्भर है इसीलिए ये भाषाएं दुनिया में शक्तिशाली और प्रमुख भाषाएं है।
भारत की कौनसी भाषा प्रमुख भाषा बन चुकी है दुनिया में पिछले ७० सालो में? क्या ये शर्म नहीं है देश के लिए?
आज दुनिया में भाषा translator खास चीनी, यूरोपियन भाषाओं के लिए बने है क्युकी ये लोग अपनी भाषा छोड़कर अंग्रेज़ी नहीं अपना रहे है।
भारतीय जनता गलत फहमी में जी रही है कि अंग्रेज़ी सीखो तो भारत अमेरिका बन जाएगा, अमेरिका बनने के लिए ज्ञान चाहिए जो बाटने के लिए सिर्फ एक भाषा की जरूरत है जो भारत के पास नहीं है।
सिर्फ "हिंदी" भाषा देश में ज्यादा बोली जाती है, इसी वजह से हिंदी राष्ट्रभाषा करने में कोई समस्या नहीं है। सबको अपनी सोच बदलनी होगी देश अपने आप बदल जाएगा। दक्षिण भारत वाले अपनी मातृभाषा से प्यार करने का बहाना बनाकर हिंदी विरोध करते है ( अगर ये लोग हिंदी को पराई भाषा मानते है, तो इंग्लिश को कैसे अपनी भाषा मान सकते है? ये हसीं वाली बात है)
आपको ये जान कर हैरानी होगी की दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा चीनी है, अंग्रेज़ी नहीं।
( https://www.fluentin3months.com/most-spoken-languages/ )
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कैसे सीखें हिंदी?
१. स्कूल में
२. Online
३. Apps भाषा हिंदी में बदले
२. Online
३. Apps भाषा हिंदी में बदले
very informative
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